मानव शरीर के लिए आवश्यक विटामिन्स और पोषक तत्व



यद्यपि सब्जियों में विटामिन थोड़ी मात्रा में मौजूद होते है, फिर भी मानव शरीर पर उनका पर्याप्त एवं विशिष्ट प्रभाव पड़ता है। साग-सब्जियों में निम्न लिखित विटामिन पाये जाते हैः-


(1)   विटामिन ’:-
 यह विटामिन वसा में घुलनशील होता है। यह वृद्धि और प्रजनन के लिए अनिवार्य है। इसके पर्याप्त मात्रा में उपयोग से आँखे तेजवान रहती है। आंतों व श्वसन प्रणाली के विभिन्न अंग सुचारू रूप से कार्य करते हैं। पाचन क्रिया को सामान्य रखने मे भी इसका महत्वपूर्ण योगदान है। गाजर, टमाटर, मटर, शलजम, चुकन्दर, सलाद, बन्दगोभी, पालक, मेथी, हरी मिर्च आदि में विटामिन काफी मात्रा में पाया जाता है।

(2)विटामिन बी-
विटामिन बीको थायमिनकी संज्ञा भी दी जाती है। यह शरीर की उचित वृद्धि और प्रजनन के लिए आवश्यक होता है। भोजन में इसकी कमी के कारण बेरी-बेरीरोग, भूख में कमी, शारीरिक तापमान में गिरावट जैसे विकार उत्पन्न हो जाते है। सलाद, मटर, टमाटर, प्याज, बन्दगोभी, बैंगन, हरी मिर्च, गाजर, शकरकन्दी, सेम आदि में यह विटामिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
(3) विटामिन सी’:-
विटामिन सीको एस्कोर्बिक अम्लकी संज्ञा भी दी जाती है। निरोग और
स्वस्थ रहने के लिए इसका समुचित मात्रा में उपयोग नितान्त आवश्यक है। इसके अलावा रक्त संचार और जोड़ों को ठीक रखने में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। भोजन में इसकी कमी के कारण गठिया, स्कर्वी रोग, मसूड़ों का कमजोर होना, ऊर्जा का अभाव, घावों को ठीक होने में देरी आदि विकार उत्पन्न हो जाते है। टमाटर, सलाद, मेथी, बन्दगोभी, पालक, हरीमिर्च और अन्य हरी सब्जियों में यह प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

(4) विटामिन डी’:-
 इसे रिकेट-रोधी विटामिन की संज्ञा भी दी जाती है। हड्डियों की उचित बनावट और दांतों की मजबूती के लिए यह विटामिन अत्यन्त आवश्यक है। विटामिन डी की कमी के कारण बच्चों को सूखा रोग हो जाता है।
सभी सब्जियाँ विटामिन डीका उत्तम स्रोत मानी गई है।

(5) विटामिन ’:-
इसे बंध्यतारोधी विटामिन के नाम से भी जाना जाता है। यह वसा में घुलनशील होता है। यह विटामिन प्रजनन के लिए बहुत आवश्यक है। भोजन में इसकी कमी होने के कारण प्रजनन क्षमता में कमी आ जाती है। यह बन्दगोभी, सलाद, मटर, प्याज आदि में पाया जाता है, इसके अलावा यह वनस्पति तेलों में भी पाया जाता है।

अन्य पोषक तत्व

खनिज लवणों का उत्तम स्रोत:-
मानव शरीर की समुचित बढ़वार और विकास के लिए लगभग 10 खनिज पदार्थो की
आवश्यकता होती है। इनमें कैल्सियम, लौह, फ़ोस्फोरस, आयोडीन, सोडियम नामक तत्वों की आवश्यकता अधिक मात्रा में होती है। सब्जियों को छोड़कर अन्य किसी भी खाद्य पदार्थ में इनकी पर्याप्त मात्रा इतनी अधिक नहीं पाई जाती है।

प्रोटीन की क्षतिपूर्ति:-
मानव शरीर के ऊतक क्षारीय होते है। अच्छे स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए शरीर के अन्दर माध्यम बनाये रखना अत्यन्त आवश्यक होता है। हरी सब्जियाँ इस क्षारीय संतुलन को क्षति पहुंचाने वाले प्रोटीन युक्त खाद्य जैस माँस व अण्डों का प्रतिकार करती है। सेम, मटर, सोयाबीन आदि सब्जियाँ खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलता है। दैनिक आहार में पर्याप्त मात्रा में सब्जियों का समावेश अनिवार्य है, ताकि शरीर में प्रोटीन की कमी न हो तथा शरीर स्वस्थ रहे।
अम्लीय प्रभाव को निष्प्रभावित करना:-
माँस, वसायुक्त खाद्य-पदार्थ, पनीर जैसे तली हुई वस्तुओं के पाचन के दौरान विभिन्न प्रकार के अम्लों का निर्माण होता है जिसके कारण पेट में जलन, कब्ज, अल्सर आदि विकार उत्पन्न हो जाते है। इन अम्लों के दुष्प्रभाव को समाप्त करने के लिए सब्जियों को सन्तुलित मात्रा में सेवन करना नितान्त आवश्यक है। लगभग सभी सब्जियों में अम्लीय प्रभाव को निष्प्रभावित करने की क्षमता पाई जाती है।
औषधीय महत्व:-
अनेक सब्जियों को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इनका शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। लहसुन, प्याज, अदरक, हल्दी, चैलाई आदि सब्जियों का औषधि के रूप में सेवन किया जाता है। इनके अलावा तरबूज, खरबूजे की गिरियों का सेवन भी औषधि के रूप में
Previous
Next Post »

1 comments:

Click here for comments
November 10, 2014 at 5:56 PM ×

संदीप जी पोषक तत्व का महत्व समझाने ले लिए धन्यवाद

Congrats bro rakesh jakhar you got PERTAMAX...! hehehehe...
Reply
avatar

आपके योगदान के लिए धन्यवाद! ConversionConversion EmoticonEmoticon