Motivational Hindi Story |
एक
बच्चा था। उसकी मां एक आंख से कानी थी। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता गया, उसे अपनी मां की इस शक्ल-सूरत पर थोड़ी
शर्मिदगी सी महसूस होने लगी। वह अपनी मां को स्कूल आने से मना करता था क्योंकि
उसके स्कूल के बच्चे उसकी मां को लेकर उसका मजाक बनाते थे। बड़ा होने पर बच्चा
अपनी मां के साथ कहीं भी सावर्जनिक तौर पर जाने से बचने लगा। एक बार उसकी मां किसी
काम से उसके काॅलेज के पास गई तो वहां इस लड़के ने उसे देख लिया। घर आकर उसने अपनी
मां को बेहद डांटा। गुस्से में आपा खो चुका लड़का मां से बोला - कितनी बार कहा है, जहां मैं होता हूं, वहां आसपास मत आया करो। तुम्हारी वजह
से मुझे सुनना पड़ता है। तुम्हारी इस एक आंख की वजह से लोग मुझे ताने मारते हैं।
अब मां से रहा न गया। उसकी आंख से आंसू गिरने लगे। वह बोली- बेटा, मेरी हमेशा से दो आंखें थीं और मुझे उन
दोनों से दिखता था। बचपन में एक दुर्घटना हो गई थी, जिसके कारणतुम्हारी एक आंख क्षतिग्रस्त
हो गइर् थी। तुम उससे बिल्कुल देख नहीं पा रहे थे। तब डाॅक्टर ने कहा था कि
तुम्हें कोई एक आंख दे दे तो वह तुम्हें लगाई जा सकती है। तब मैंने तुम्हें अपनी
एक आंख यह सोचकर दी थी, कि मैं तो दुनिया देख चुकी, यह तुम्हें दे देती हूं, नहीं तो कल को लोग तुम्हें एक आंख वाला
कहकर चिढ़़ाएंगे। यह कहकर मां अंदर चली गई। लड़का बेहद शर्मिदा हुआ।
Friends इस Hindi
Story से हमें यह
प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने माता-पिता का सम्मान करें।