जितने का तरीका : Hindi Motivational Story

जीतने का तरीका -
दो दोस्त थे। अमित और श्याम। दोनों ही एक साथ पले-बढ़़े थे, लेकिन दोनों के स्वभाव में एक बड़ा अंतर था। अमित को यह बिल्कुल बदार्श्त नहीं था कि कोई उससे उलझे और फिर वह उसे सबक सिखाए बिना जाने दे। जबकि श्याम को बहुत बार ऐसे लोगों के साथ ही घुलते  मिलते देख लिया जाता था, जिन्होंने कुछ ही दिन पहले उससे कोई बड़ा झगड़ा मोल लिया था। अमित को श्याम का यह व्यवहार पसंद नहीं आता था। उसका मानना था कि श्याम का यह बतार्व उसकी कायरता की निशानी है, तभी वह खुद से झगड़ने वालों से भी जाकर दोस्ती कर लेता है और एक तरह से अप्रत्यक्ष तौर पर अपनी ही हार स्वीकार कर लेता है। एक दिन अमित की कहा-सुनी किसी व्यक्ति से हो गई, तो श्याम उसे रोकने का प्रयास करने लगा। तब आवेश में अमित उससे कह बैठा- तुम मुझे मत रोको। तुममें तो इतनी हिम्मत भी नहीं है कि किसी के साथ दुश्मनी निभा सको। तभी तो उन लोगों के साथ भी बोलचाल शुरु कर देते हो, जो तुम्हारा बुरा चाहते हैं। तुम खुद ही हार मान लेते हो, तो तुझसे कोई डरेगा क्यों? अमित के शांत हो जाने पर श्याम ने कहा- बात डर की नहीं है। जहां तक हार मान लेने की बात है। किसी को हराने के लिए मारने- काटने पर उतारु हो जाना जरुरी नहीं है। अपने शत्रुओं को अपनी ओर मिलाकर भी तो मैं उन्हें हरा ही रहा हूं।

दोस्तों इस Hindi Story से हमें सिख मिलती है कि हमेशा ध्यान रखे दुश्मनियों को कभी लंबा न खींचें। इससे आपकी सकारात्मकता खत्म होती है।
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