लघुकथा : दोहरी सोच | Hindi Kahani



आइए-आइए! श्रेीमती शर्मा, बहुत दिनों बाद दिखाई दी। कहिए क्या हालचाल है, बिटिया का रिशता तय हुआ कही?” “अरे कहा...वआप तो जानती ही हैं अच्छे लड़के आजकल कहां मिलते है? कहींघर में कमी, कहींलडके में कमी। नाजो पली बेटी है, हर कहीं तो नहीं दे सकते ना ।
लेकिन पिछले दिनों मैने जो लड़का बताया उसका क्या हुआ? बएढेया नोकरी, सुदर लड़का, भरा-पूरा घरे मा- बाप बहन भाई सब कुछ तो...
hindi motivational story achhikhabarसोच पर आधारित हिंदी कहानी
Hindi Motivational Kahani
ना बाबा ना, कहांमा- बाप,भाई- बहन के बड़े परिवार में झोक दूंबेटी को? मैंतो ऐसा लड़का ढूढ रही हूंजिसके परिवार की कोई जिम्मेदारी न हो,अच्छी नोकरी हो। अपना कमाए,अपना खाए और बिटिया को फूल सी रखे, बस। ये भाई बहिन, सास- ससुर की सेवा मेरी बेटी से नहींहोने वाली। अरे! उसके खेलने खाने के दिन हैंन कि झझट में पड़ने के...” “लेकिन हर लड़के के मा-बाप, परिवार सब कुछ तो होगा ही। वो भी तो अपने बेटे बहू से आस लगाए होगे ना।
अरे! नही, बिटिया प्रथम श्रेणी एमबीए है, सिर पर पल्ला ओढे सबकी चाकरी नहींकरने वाली। आजाद खयाल की लड़की है, जिदगी बेरोकटोक गुजारना चाहती है।
खैर... आपके बेटे की भी तो नोकरी लग चुकी है। उसकी शादी कब करने का विचार है?” “अरे अच्छी लड़की मिल जाए तो आज ही शहनाई बजवा दू। मुझे तो पढेी लिखी, अच्छे सस्कारो वाली, सीधी सादी बहू चाहिए जो आते ही घर सभाल ले अैर मुझे घर के कामोंसे छट्टी दे दे बस। आप तो जानती ही हैंआजकल की लड़कियांघर के काम तो करना ही नहींचाहती। आते ही पति पर न जाने क्या मत्र फूकती है कि बेटा तो समझो गया हाथ से। एक ही तो बेटा है हमारा। सारी पूजी लगाकर पढ़ाया है। बहुत कुछ सोच रखा है हमने अपने बेटे बहू से हमारे भविष्य के लिए।


 Related Hindi Story -
Previous
Next Post »

आपके योगदान के लिए धन्यवाद! ConversionConversion EmoticonEmoticon