ताजा शोध के अनुसार हर दिन 100 ग्राम यानी पुरे हफ्ते में 700 ग्राम दही खाने वालों
को न तुलना में खाने वालों कि डायबिटीज टाइप 2 होने का खतरा कम होता
है।
दही है सॉलिड डाइजेस्टीव –
ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने दही के गुणों को और उभारते हुए डायबिटीज टाइप 2 के नियन्त्रण में इसे
प्रभावी व कुदरती प्रोबायोटिक कहा है। 11 वर्षो से जारी एक रिसर्च में करीब 3500 लोगों से मिले आंकड़े का
अध्ययन करने के बाद शोधकर्ताओं ने कम फैट वाले दूध से बने दही को पेट और पाचन के
लिए बहुत उपयोगी बताते हुए कहा है कि अगर हर दिन 100 ग्राम यानी पुरे हफ्ते में 700 ग्राम दही खाने वालों को न तुलना में खाने वालों की
डायबिटीज टाइप 2 होने
का खतरा कम होता है। इसके दो समूहों में अध्ययन किया गया और परिणामों से पता चला
कि दही के बदले चिप्स खाने वालों को डायबिटीज टाइप 2 होने का खतरा 47 प्रतिशत बढ़ गया है जबकि दही खाने वालो में यह 24 प्रतिशत कम हो गया है।
कम फैट वाले Products लें –
साथ ही इस बात का भी ख्याल रखा जाए कि जहाँ तक संभव हो कम फैट वाले मिल्क
प्रोडक्ट्स को नियमित खान-पान में शामिल करें। इनसे पाचन संबंधी समस्याए दूर होती
है। ज्यादा फैटी प्रोडक्ट्स कई तरीके से नुकसान दे सकते है। इससे पहले भी कई शोधों
में यह शाबित हो चूका है कि दही का सेवन नियमित तौर पर किया जाये तो कई आम
बिमारियों से मुक्ति पाई जा सकती है।
आपके योगदान के लिए धन्यवाद! ConversionConversion EmoticonEmoticon