शिवपूजन सहाय का जन्म सन् 1893 में गाँव उनवाँस, शिला भोजपुर
(बिहार) में हुआ। उनके बचपन का नाम भोलानाथ था। दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद
उन्होंने बनारस की अदालत में नकलनवीस की नौकरी की। बाद में वे हिंदी के अध्यापक बन
गए। असहयोग आंदोलन के प्रभाव से उन्होंने सरकारी नौकरी से त्यागपत्रा दे दिया।
शिवपूजन सहाय अपने समय के लेखकों में बहुत लोकप्रिय और सम्मानित व्यक्ति थे।
उन्होंने जागरण, हिमालय, माधुरी, बालक आदि कई
प्रतिष्ठित पत्रिकाओं का संपादन किया। इसके साथ ही वे हिंदी की
प्रतिष्ठित पत्रिका मतवाला के संपादक-मंडल में थे। सन् 1963 में उनका देहांत हो
गया।
वे मुख्यतः गद्य के लेखक थे। देहाती दुनिया, ग्राम सुधर, वे दिन वे लोग, स्मृतिशेष आदि
उनकी दर्जन भर गद्य-कृतियाँ प्रकाशित हुई हैं। शिवपूजन रचनावली के चार खंडों में
उनकी संपूर्ण रचनाएँ प्रकाशित हैं। उनकी रचनाओं में लोकजीवन और लोकसंस्कृति के
प्रसंग सहज ही मिल जाते हैं।
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