मधु कांकरिया का जन्म सन् 1957 में कोलकाता में हुआ। उन्होंने कोलकाता
विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्रा में एम.ए. किया, साथ ही कंप्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा भी।
उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं पत्ताखोर
(उपन्यास), सलाम आखिरी, खुले
गगन के लाल सितारे, बीतते हुए, अंत में
ईशु (कहानी-संग्रह)। उन्होंने कई
सुंदर यात्रा-वृत्तांत भी लिखे हैं। मधु कांकरिया की रचनाओं में विचार और संवेदना की
नवीनता मिलती है। समाज में व्याप्त अनेक ज्वलंत समस्याएँ जैसेμअप संस्कृति, महानगर की घुटन और असुरक्षा के बीच
युवाओं में बढ़ती नशे की आदत, लालबत्ती इलाकों की पीड़ा आदि उनकी रचनाओं के
विषय रहे हैं।
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