खसरा (Measles) रोग का बचाव और कारण



खसरा (Measles) इस तीव्र संक्रामक रोग के वायरस रोगी के नाक, कान और गले के स्त्रावों से स्वस्थ्य व्यक्ति तक संक्रमित धूल कण एवं प्रत्यक्ष सम्पर्क द्वारा पहुँचते हैं। यह रोग बच्चों में
अधिक होता है तथा बुखार व त्वचा पर लाल फुन्सियों या दानों के रूप में पहचाना जाता है। इस रोग में गले में जलन, दर्द व खांसी के साथ हल्का बुखार आता है। एक-दो दिन में छोटे-छोटे गोल गुलाबी दाने त्वचा पर दिखाई देते है। ये दाने चेहरे, शरीर के बीच के भाग व हाथ पैर पर दिखाई देते हैं। दो या तीन दिन में दाने सूखकर धीरे-धीरे समाप्त होने लगते है।
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