1. शिशु को पहली बार टीका लगवाते समय जच्चा बच्चा रक्षा
कार्ड दिया जाता है इस कार्ड में टीका और इसको लगवाने की तारीख भरी जाती है। इस
कार्ड को सम्भाल कर रखना चाहिये तथा प्रत्येक बार टीका लगाने के लिये जाते वक्त
कार्ड साथ ले जाना चाहिये।
2. बच्चे व गर्भवती महिला को सभी टीके टीकाकरण सूची के अनुसार सही समय
(उम्र) पर लगवाने चाहिये।
3. उचित आयु से बड़े बच्चों को भी सभी टीके लगवाने चाहिये।
4. टीका लगाते समय कीटाणुरहित सुई (सिरींज) का इस्तेमाल
करना चाहिये अन्यथा टीका लगाने के बाद संक्रमण के कारण उस स्थान पर सूजन आकर मवाद
भी पड़ सकता है।
5. यदि बच्चा खांसी, जुकाम, दस्त और सूखा रोग आदि से ग्रसित हो तो भी उसे
सभी टीके लगवाने चाहिये। सूखा रोग से ग्रसित बच्चे को टीके लगवाना सामान्य बच्चों
की अपेक्षा अधिक आवश्यक है क्योंकि इन बच्चों को ये रोग होने की तथा इन रोगों से
मरने की सम्भावना कहीं अधिक होती है।
6. डी.पी.टी. का टीका लगवाने पर टीके वाली जगह दर्द एवं
बच्चे को हल्का बुखार आ सकता है। इसके लिये बच्चे को बुखार उतारने की आधी गोली (Paracetamol) दूध या पानी के साथ दे सकते हैं।
7. खसरे के टीके के बाद कुछ बच्चों के शरीर पर दाने निकल
आते हैं तथा थोड़ा बुखार भी हो जाता है। यदि बच्चे को तेज बुखार आ जाए या बेहोशी
आने लगे तो तुरन्त डाक्टर से सलाह लें।
8. पोलियो की खुराक पिलाने के आधा घन्टे पहले व बाद में
बच्चे को खाने या पीने के लिये गर्म चीज नहीं देनी चाहिये।
9. दस्त से ग्रसित बच्चे को भी पोलियो की खुराक अवश्य
पिलानी चाहिये मगर सम्पूर्ण लाभ के लिये दस्त ठीक होते ही यह खुराक पुनः पिलानी
चाहिये।
10. यदि शिशु का जन्म अस्पताल/क्लिनिक में हुआ हो, तो उसे जन्म के
समय ही बी.सी.जी. का टीका लगवा देना चाहिये।
11. बी.सी.जी. का टीका लगने के बाद उस जगह से सफेद पानी
निकल सकता है। यदि यह तीन महीने के बाद भी पूरी तरह ठीक नहीं हो तो डाॅक्टर को
दिखाना चाहिये।
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