यह तीव्र संक्रामक रोग संदूषित जल, भोजन एवं दूध द्वारा फैलता है। इस रोग के जीवाणु को काॅर्नी बैक्टीरियम डिप्थीरी कहते हैं। ये जीवाणु मनुष्य की नाक, स्वर यन्त्र, टोन्सिल्स व ग्रसनी पर आक्रमण करते हैं। इस रोग में बुखार के साथ गले में सूजन व दर्द होता है। भोजन निगलने में तकलीक होती है। इस जीवाणु का विष तन्त्रिका तन्त्र व हृदय को प्रभावित करता है। समय रहते उपचार नहीं करने पर मृत्यु भी हो सकती है।
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