कुक्कुट (मुर्गी पालन)
अंडे व कुक्कुट मांस के उत्पादन को बढ़ाने के लिए मुर्गी
पालन किया जाता है। इसलिए कुक्कुट पालन में उन्नत मुर्गी की नस्लें विकसित की जाती
हैं। अंडों के लिए अंडे देने वाली (लेयर) मुर्गी पालन किया जाता है तथा मांस के
लिए ब्रौलर को पाला जाता है।
निम्नलिखित गुणों के लिए नयी-नयी किस्में विकसित की जाती
हैं। नयी किस्में बनाने के लिए देशी जैसे एसिल तथा विदेशी जैसे लेगहार्न नस्लों का
संकरण कराया जाता है।
(1) चूजों की संख्या तथा गुणवत्ता
(2) छोटे कद के ब्रोलर माता-पिता द्वारा चूजों के व्यावसायिक
उत्पादन हेतु
अंडों तथा ब्रौलर का उत्पादन
ब्रौलर चूजों को अच्छी groth दर तथा अच्छी
आहार दक्षता के लिए विटामिन से प्रचुर आहार मिलते हैं। उनकी मृत्यु दर कम रखने और
उनके पंख तथा मांस की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सावधानी बरती जाती है। उन्हें
ब्रौलर के रूप में उत्पादित किया जाता है तथा मांस के प्रयोजन के लिए विपणन किया
जाता है। मुर्गी पालन में अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए अच्छी प्रबंधन
प्रणालियाँ बहुत आवश्यक हैं। इसके अंतर्गत इनके आवास में उचित ताप तथा स्वच्छता का
निर्धारण करके कुक्कुट आहार की गुणवत्ता को बनाए रखा जाता है। इनके साथ-साथ रोगों
तथा पीड़कों पर नियंत्राण तथा उनसे बचाव करना भी शामिल है। ब्रौलर की आवास, पोषण तथा
पर्यावरणीय आवश्यकताएँ अंडे देने वाले कुक्कटों से कुछ भिन्न होती है। ब्रौलर के
आहार में प्रोटीन तथा वसा प्रचुर मात्रा में होता है। कुक्कुट आहार में विटामिन ।
तथा विटामिन ज्ञ की मात्रा भी अधिक रखी जाती है।
जीवाणु, विषाणु, कवक, परजीवी तथा
पोषणहीनता के कारण मुर्गियों में कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। अतः सफाई तथा
स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए नियमित रूप से रोगाणुनाशी पदार्थों
का छिड़काव आवश्यक है मुर्गियों को संक्रामक रोगों से बचाने के लिए टीका लगवाना
चाहिए जिससे महामारी से ये ग्रसित न हों। इन सावधानियों के बरतने से, रोगों के फैलने
की दशा में, कुक्कुट को न्यूनतम हानि होती है।
आपके योगदान के लिए धन्यवाद! ConversionConversion EmoticonEmoticon