व्यवहार का ज्ञान : Hindi Kahani : Inspiration Story

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गांव की चार महिलाएं कुएं पर पानी भरनेगईं तो अपने-अपने बेटों की तारीफ करने लगीं। एक महिला बोली, मेरा बेटाकाशी से पढ़़कर आया है। वह संस्कृत का विद्वान हो गया है। बड़े-बड़े ग्रन्थ उसे मुंहजुबानी याद हैं। दूसरी महिला बोली, मेरे बेटे ने ज्योतिष की विद्या सीखी है। जोभविष्यवाणी वह कर देता है, कभी खालीनहीं जाती। तीसरी महिला भी बोली, मेरे बेटे ने भी अच्छी शिक्षा ली है। वह दूसरेगांव के विद्यालय में पढ़़ाने के लिए जाताहै। चाैथी महिला चुप थी। बाकी महिलाओंने उससे पूछा, तुम भी तो बताओ, तुम्हारा बेटा कितना पढ़़ा है? इस पर चौथी महिलाबोली, मेरा बेटा पढ़़ा-लिखा नहीं है। वह खेतों में काम करता है। वे चारों आगे बढ़़ीं तो पहली महिला का बेटा आता दिखाई दिया।मां के साथ की महिलाओं को नमस्कार करकेआगे बढ़़ गया। इसी तरह दूसरी और तीसरीमहिला के बेटे भी रास्ते में मिले और नमस्कार करके आगे बढ़़ गए। चौथी महिला के बेटेने जब रास्ते में मां को देखा तो दौड़कर उसकेसिर से घड़ा उतार लिया और बोला- तुम क्यों चर्ली आइ? मुझसे कह दिया होता। यहकहकर वह घड़ा अपने सिर पर रखकर चलदिया। तीनों महिलाएं देखती ही रह र्गइ।

दोस्तों यह कहानी आपको जिंदगी में व्यावहारिक ज्ञान का होना भी जरुरी है।
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