आप अकेले नहीं : हिंदी कहानी : Best Motivational Hindi Kahani

आप नहीं अकेले एक आदमी ईश्वर का बड़ा भक्त था। बड़े प्रेम भाव के साथ उनकी भक्ति करता। एक दिन ईश्वर से कहने लगा- मैं आपकी इतनी भक्ति करता हूं, पर आज तक मुझे आपकी अनुभूति नहीं हुई। मैं चाहता हूं कि आप भले ही साक्षात दशर्न न दें, लेकिन कुछ ऐसा करें कि मुझे आपके अपने साथ होने का अनुभव तो हो। ईश्वर ने कहा- ठीक है। तुम रोज सुबह समुद्र किनारे सैर पर जाते हो न। कल से रोज रेत पर तुक्हें तुक्हारे पैरों के अलावा दो पैरों के निशान और मिलेंगे। वे निशान मेरे होंगे। इस तरह तुक्हें रोज मेरी अनुभूति होगी। अब वह जब भी सैर पर जाता तो अपने पैरों के निशान के साथ दो और पैरों के निशान देख बहुत खुश होता। एक बार उसे व्यापार में बहुत घाटा हुआ, भारी नुकसान की वजह से सबकुछ बिक गया और वह सड़क पर आ गया। उसके सभी परिचितों ने उससे मुंह मोड़ लिया। कंगाल हो जाने के बाद जब वह सैर करने गया तो उसे रेत पर भी सिर्फ दो ही पैरों के निशान दिखे। उसे दुख हुआ कि ईश्वर भी साथ छोड़ गया। धीरेधीरे उसकी आथिर्क हालत सुधरी तो लोग तो लौटे ही रेत पर दो निशान भी लौट आए। अब वह ईश्वर से नाराज होकर बोला- आपने भी मुसीबत में साथ छोड़ दिया था? रेत पर सिर्फ दो निशान होते थे। तब ईश्वर बोले- मैं ऐसा कैसे कर सकता हूं? तब तुम इतना टूट गए थे कि चलने लायक भी नहीं थे। मैंने तुक्हें अपनी गोद में ले लिया था। वे निशान मेरे ही पैरों के थे। आप तुम फिर समथर् हो तो मैंने तुक्हें नीचे उतार दिया है।

दोस्तों खुद को कभी अकेला न मानें, फिर मुसीबत से उबरने की हिम्मत आ जाएगी।



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