Short Hindi Story |
झोपड़े
से मजदूर निकलता है किसी का पक्का मकान बनाने के लिए। बारिश और तेजहवाओं में उसे
अपने छप्पर की सलामती की चिता है। काम की जगह पर वह सीमेन्ट, कक्रीट की छत भरता है। अपने घर का आगन
गोबर सेलेपा है लेकिन काम की जगह पर टाइल्स या माबर्ल लगाता है। अपने घर का बाथरूम टाट कै थैलों व लताओं से घिरा है और“ओपन टु स्काई” है लेकिन काम की जगह पर सर्वसुविधायुक्त 10बाय 10 की साइज़ का
बाथरूम बनाता
है। अपने घर पर मटकी,काम की जगह पर फ्रिज, अपने घर पर नीम की छाव, काम कीज गह पर A.C देखता है। मजदूर के द्वारा जो दूसरों के लिए बना
उसमें मजबूती झलकती है। मजदूर के द्वारा जो स्वयं के लिए बना उसमें मजबूरी झलकती है।
इस कहानी से हमें मजदूरों की माली हालत का पता चलता है आज भी हमारे देश के मजदूरों के पास पक्के मकान नहीं है. हमारी सरकार कोशिश कर रही है लेकिन जब तक हम सब साथ मिलकर हरेक योजना को गरीब वर्ग तक नहीं पहुचाएगे तब तक हर कोशिश बेकार है. हमें हर एक सरकारी योजना का पता लगाते रहना चाहिए और अगर हम लाभ नहीं उठाना चाहते है उन लोगों तक पहुचाए जिन्हें इसकी जरूरत है.
आपके योगदान के लिए धन्यवाद! ConversionConversion EmoticonEmoticon