पत्ता-गोभी
सामान्य विवरण:-
पत्ता गोभी, उपयोगी पत्तेदार सब्जी है। उत्पति स्थल मूध्य सागरीय क्षेत्र और
साइप्रस में माना जाता है। पुर्तगालियों द्वारा भारत में लाया गया। भारत के सभी
क्षेत्रो में उगाई जाती है। भारत में इसका क्षेत्रफूल 83,000 हेक्टर है, जिसमें 500,000 टन उत्पादन होता है। फूल
गोभी की तरह पत्ता गोभी पत्तियों का समूह है, जिसे सब्जी के रूप में उपयोग किया
जाता है। पत्ता गोभी में विशेष मनमोहक सुगन्ध ‘सिनीग्रिन’ ग्लूकोसाइड के कारण होती
है। पोष्टिक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन ‘ए’ और ‘सी’ तथा कैल्शियम, फाॅस्फोरस खनिज होते है।
विटामिन ‘बी’
समूह मध्यम मात्रा
में होता है। इसका उपयोग सब्जी और सलाद के रूप में किया जाता है। सुखाकर तथा आचार तैयार
कर परिरक्षित किया जाता है। क्षुधावर्धक, शीतल, सुपाच्य, हृदय को बल देने वाला, कफ, पित्त, त्वचा रोग, मूत्र रोग और बवासीर में
लाभदायक। प्रति स्कर्वी गुण होता है (आयुर्वेद)। पौधा लगाने के 60 से 80 दिनो में तथा देर से तैयार
होने वाली किस्म द्वारा 100 से 120 दिन में पत्ता गोभी तैयार हो जाती है। पत्तागोभी की फसल अवधि
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60-120 दिन का होता है। औसत उपज 200 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टर प्राप्त होती है।
आवश्यकताएँ:
जलवायु-भूमि –
पत्ता गोभी को फूल गोभी की अपेक्षा अधिक ठण्ड की आवश्यकता होती है और
60 F पर अच्छी उपज प्राप्त होती
है। शीघ्र तैयार होने वाली पत्ता गोभी अनेक प्रकार की भूमि में उगाई जा सकती
है। शीघ्र तैयार होने वाली किस्मों के लिए बलुई दुमट तथा देर से तैयार होने वाली किस्मों
के लिए कछारी दुमट सर्वोत्तम होती है। पीएच मान 5.8 से 6.8 होना चाहिए।
सिंचाई –
सामान्यतया 10 से 15 दिन के अन्तर से भूमि के अनुसार प्रातःकाल सिंचाई करनी चाहिए।जब
पत्ता गोभी की पत्तियाँ बंधने लगे तो सिंचाई बन्द कर देनी चाहिए।
खाद एवं उर्वरक –
पत्ता गोभी की फसल एक हेक्टर भूमि से 110 किलो नाइट्रोजन, 28 किलो
फास्फोरस तथा 110 किलो पोटाश लेती है। अतः पत्ता गोभी के लिए 200 क्विंटल गोबर
की खाद का कम्पोस्ट, 150 किलो नाइट्रोजन, 100 किलो फास्फोरस तथा 40 किलो पोटाश प्रति हेक्टर आवश्यक है।
नाइट्रोजन को तीन भागों में बांटकर रोपण के समय, 15 दिन बाद तथा 45 दिन बाद देना
चाहिए।
उद्यानिक
क्रियाएँ:
बीज विवरण –
प्रति हेक्टर बीज की मात्रा - 650 ग्रा.
प्रति 100 ग्रा. बीज की संख्या - 6000-8000
अंकुरण –
70 प्रतिशत
अंकुरण क्षमता –
4 वर्ष
बीजोपचार –
गर्म जल में (50 C) में आधा घण्टा डूबोएँ।
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