वायुरोधक
वृ़क्षों को लगाकर फलधारी वृक्षों को पाले के नुकसान से कुछ हद तक बचाया जा सकता है। ये वायुरोधक पौधे बाग के उत्तर-पश्चिम दिशाओं में
लगाने चाहिए। ये पौधे गर्म व ठंडी हवाओं से बाग की रक्षा करते है।
गर्मी
में गर्म हवाओं का जोर हो,
उस समय बाग की सिंचाई करके फलों और
वृक्षों दोनों के नुकसान से बचाया जा सकता है।
पेड़ के मुख्य तने पर सफेदी करके पौधे को
धूपदाह (sun burn) से बचाया जा सकता है।
गर्मियों
में अधिक ताप से छोटे पौधों की रक्षा छप्पर से ढ़ककर या छाया करके की जा सकती है।
वायु
अवरोध
वायुरोधक
या ऊँचे-ऊँचे वृक्ष बाग की पश्चिम दिशा में लगाकर पौधों और वृक्षों को लू और गर्म हवाओं से होने वाली हानि से कुछ हद तक बचाया जा सकता है।
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