सरसों की फसल में
तोरिया, राइ लाहा आदि सभी को सम्मिलित किया गया है। तेल की दृष्टि
से इसका महत्व अधिक बढ़ जाता है। इसकी खली में नाइट्रोजन फास्फोरस तथा पोटाश की
मात्राएँ भी पाई जाने के कारण इसको खाद के उपयोग में लिया जाता है। इसका उत्पत्ति
स्थल अनिश्चित सा प्रतीत होताहै क्योंकि इसकी पैदावार भारत अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन आदि देशों में आदि काल समय से कर रहेहै।
सरसों उत्पादन एवं क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान सर्वोच्च स्थान पर है। सरसों
की उपज उसकी बुआई के समय, सिंचाई, बीज की किस्म आदि पर
निर्भर करती है। साधारण किस्मों की उपज 10-12 क्विंटलप्रति हैक्टर तथा उन्नत
किस्मों की सिंचित क्षेत्रों में उपज 20 क्विंटल प्रति हैक्टर होती है।
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