Vaastu Shastra (वास्तु-शास्त्र) : एक विज्ञानं

वास्तु-शास्त्र

दोस्तों मैं सोचता हू आप को वास्तु शास्त्र की शक्ति का पता होगा और अगर किसी कारणवस नहीं पता है तो मैं बता देता हू – वास्तु शास्त्र का अर्थ होता है अपने घर, मकान, दुकान, फैक्ट्री या फिर अपनी कम्पनी की नींव रखने से पहले ये ज्ञात कर लेना की जहाँ हम यह काम शुरू कर रहे या हमने जो काम शुरू किया है उसे हमारी प्रकृति, हमारा पर्यावरण सहमत तो है मतलब हमारी प्रथ्वी में उपस्थित गुरुत्वाकर्षण से हम विपरीत तो नहीं जा रहे है? यही वास्तु-शास्त्र है। वास्तु शास्त्र को बदनाम अन्धविश्वास ने किया है। क्योंकि हम है कि ये काम भी ब्राह्मणों का ही है। और हम कहते है वो तो सिर्फ अपने पेट के लिए करते है हमें पागल बनाते है। हाँ वो अपने पेट के लिए करते होंगे उसे हमें कोई मतलब नहीं है। उन्होंने एक सिस्टम तैयार किया है जिसमे उन्होंने बताया है कि वास्त शास्त्र का एक भगवान होता है। और जब इसके अनुसार घर या माकन तैयार नहीं करते है तो वो नाराज हो जाता है। ये सिस्टम सही था हमारे दादा या पापा को समझाने के लिए। “हमे कहाँ भगवान समझ आता है।“ तो हमने इसकी गणित समझे बिना ही इसे अंधविश्वास कह कर ठुकरा दिया।
वास्तु-शास्त्र में विज्ञान छुपी है। उसके नियमों में विज्ञानं छिपी है। उसके हर नियम को विज्ञानं समझा सकता है। 
       दोस्तों विज्ञानं से आप क्या समझते है? मेरे हिसाब से विज्ञान “प्रकृति के नियमो का अध्यन है और कुछ नहीं है।“ पहले विज्ञान शब्द से लोग वाकिफ नहीं थे इसलिए लोगों को समझाने के लिए कुछ नियम बनायें गए। अब हमारा दिमाग विकसित हुआ तो हमने सोचा “यार ये क्या बकवास नियम बनाये गए है?” ये साफ़-साफ़ समझ में आ रहा है, इस नियम को बनाने की क्या जरूरत थी। लेकिन ये जरूरत उस समय थी आज नहीं। तो हमने इनका खंडन करना शुरू कर दिया विज्ञान का नाम लेकर। और सही भी किया। और कुछ वाकई में खंडन करने जैसे थे।, लेकिन सब नहीं। हमने तो सब का नंबर ले लिया। और ये सोच लिया कि भाई हम कुछ नहीं सोचेंगे जो कुछ भी वैज्ञानिक(वैज्ञानिक से अर्थ कुछ थोड़े बहुत लोग जिन्होंने सोचने की कोशिश की और सफल हो गए।)  कहेंगे वहीँ सच और कुछ भी सच नहीं है। क्या हम इन पुराने जमाने से चले आ रहे रीती-रिवाजों को तोड़ने के बजाय इनके पीछे छुपे रहस्य को नहीं जान सकते?
       चलिए कोई बात नहीं ये हम से तो नहीं होगा लेकिन हमारे वैगानिक भाई कर के दिखाएँगे। हाँ समय लगेगा, हमें क्या जल्दी है? हमारा टॉपिक था वास्तु-शास्त्र। वास्तु-शास्त्र प्रकृति के नियमों का अध्ययन है यानि हमारी भाषा में विज्ञान है। ये विज्ञान हमें बताता है कि हमें घर, दुकान या कम्पनी बनाते या बनाने के बाद इसमें रूमों, बाथरूम, रसोई, पानी, सोने का कमरा आदि किस दिशा में होने चाहिए जिससे सकारात्मक उर्जा हमें मिल सके।
       मैं नहीं कहता कि जो मैं कह रहा हू वो सब मानो। और मैं कोई वैज्ञानिक या ज्ञानी भी नहीं हूँ। मैं कहता हू आप नियमों का प्रैक्टिकल कर के देख लीजिए। आप दूर क्यों जाते है अपने ही घर में देख लीजिए अगर कोई भी स्थान वास्तु-शास्त्र के हिसाब से नहीं है तो उस नियम के अनुसार जो हानि होनी चाहिए वह हानि हो रही है। या फिर कोई स्थान वास्तु के हिसाब से है उसके लाभ जो भी नियम में लिख रखे है वो लाभ देख लीजिए। और अगर आपको फिर भी नहीं समझ में नहीं आये तो अपने गाँव में जाये या फिर अपने मोहल्ले में नजर पसार के देखें कि कोई ऐसा घर जिसकी कभी स्थिति अच्छी थी और अब बहुत दयनीय है या फिर आपको पहले का पता नहीं अब अच्छी है तो उसके घर का चित्र दिमाग में बनाकर उसके घर के वास्तु को देखिए। आप समझ जाएंगे। मैं आशा करता हू कि आप समझे होंगे। 
अब मैं आप वास्तु-शास्त्र के नियम बताता हू जो सर्वविदित है –
.पानी की शुभ तथा अशुभ दिशा –
घर में पानी की शुभ ढलान दक्षिण पश्चिम से उत्तर पूर्व की और अच्छी मानी जाती है। जिस घर में पानी की ढलान उत्तर पूर्व की और हो और छत का पानी भी इसी दिशा में नीचे आता हो, उस घर में कभी भी धन धान्य की कमी नहीं आती है। इससे आमदनी के साधन बढ़ते है।
       फर्श या छत की ढलान अगर दक्षिण पश्चिम में हो तो बहुत बुरी मानी जाती है। इससे घर में पीड़ा, मानसिक तनाव, पागलपन जैसे स्थिति बन जाती है और कारोबार, रोजगार आदि में हानी होती है। और ऐसे ढलान घर में शादी विवाह पर भी रोक लगाते है। घर का मुखिया हमेशा परेशानी में रहता है।

शौचालय की शुभ तथा अशुभ दिशा – शौचालय हमेशा वायव्य कोण से हटाकर उत्तर दिशा या दक्षिण दिशा में बनाये। शौचालय का दरवाजा रसोई के सामने नहीं खुलना चाहिए। शौचालय की सीट कभी भी पूर्व या पश्चिम की तरफ नहीं होनी चाहिए। उत्तर तथा दक्षिण की तरफ लगी सीट शुभ होती है।

नल या वोंरिंग, की शुभ, अशुभ दिशा –
नल वोरिंग, भूमिगत पानी की टंकी या पानी से समन्धित हर चीज ईशान या उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। ईशान कोण से निकला जल अम्रत के समान होता है। अगर आप आप नया वोरिंग करवाने की सोच रहे है या पहले करवा चुके लेकिन पानी नहीं हुआ तो आप आप अपने घर की उत्तर पूर्व दिशा में करवाए पानी अवश्य होगा। अगर आपके घर की वोरिंग आग्नेय( दक्षिण पूर्व) कोण में है तो उस घर के छोटे लड़के की अक्सर छोटी उम्र में मृत्य हो जाती है। दक्षिण में वोरिंग घर की औरतों के लिए अशुभ होता है। इससे घर की औरते हमेशा बीमार रहती है। अगर वोरिंग दक्षिण-पश्चिम में है तो घर को डुबोती है, और वह हमेशा परेशान रहता है। अगर भूमिगत टैंक या वोरिंग पश्चिम में हो तो घर के पुरुषों को बीमारियाँ होती है। और पुरुष चरित्र हीन बनते है।

सीढियों की शुभ तथा अशुभ दिशा –
घर की सीढियां हमेशा शुभ दिशा में होनी चाहिए, तथा सीढियां क्लॉक वाईज हो होनी चाहिए। सीढि कभी भी उत्तर तथा पूर्व दिशा की दीवार से ना चढ़ाए। सीढि हमेशा दक्षिण पश्चिम दिशा की और होनी चाहिए। सीढियों की शुभ गिनती 17, 23 तथा 29 मानी जाती है। कभी भी सम संख्या जैसे – 10,12,16,18 आदि में ना बनाये। सीढियों की शुभ गिनती के लिए अगर किसी संख्या को तीन से भाग करने पर बाकी शेष यदि 2 बचता है तो संख्या शुभ है। एंटीक्लॉक वाईज सीढियां बनाने से आपको जीवन में कोई न कोई हानि होती है।

इन बातों का जरुर ध्यान रखे –
शयन कक्ष में कभी भी पानी के झरने और समुद्र के चित्र न लगाए और अगर इस तरह का कोई भी चित्र शयन कक्ष में लगा हो तो उसे तुरुन्त उतार दें। इससे मियां बीवी के आपसी ताल मेल खराब हो सकता है।

बंद घड़ियाँ घर में अशुभ होती है – बंद घड़ियाँ घर में नहीं रखनी चाहिए। अगर कोई ख़राब घडी है तो या तो उसे ठीक करवा ले या उसे उतार कर रखे दें। ये बंद घड़ियाँ हमारे दुर्भाग्य को आमंत्रित करती है। ऐसे समझे तो जब भी समय देखते है या तो गलत देख लेते है तो वैसे कोई काम समय पर नहीं होता है या फिर ऐसे सोचते है ये तो ख़राब है। और इस प्रकार कुछ काम रह जाते है जो समय पर होने जरुर्री है। इस प्रकार हमें घर में बंद घडी नहीं रखनी चाहिए।

खिड़कियाँ बाहर की तरफ खुलनी चाहिए – घर की सभी खिड़कियाँ बाहर की तरफ खुलनी चाहिए। सौभाग्य के लिए खिडकियों को अधिक से अधिक खोलनी चाहिए। बाहर को खुलने वाली खिड़कियाँ अच्छी उर्जा को घर में लाती है। 
दोस्तों मैंने तो कुछ नियम बस आपको समझाने के लिए बताये है बाजार में बहुत सारी किताबे मिलती है जिन को पढ़कर आप अपने घर को आदर्श वास्तु शास्त्र के अनुसार बना सकते है।
Previous
Next Post »

आपके योगदान के लिए धन्यवाद! ConversionConversion EmoticonEmoticon