बाग
लगाने के लिए स्थान का चुनाव करना एक महत्व बिन्दु है। बाग में पौधे लगने से पूर्व
कुछप्रारम्भिक क्रियाऐं किया जाना भी आवश्यक है। जिसमें स्टोर, सड़क, पानी की नालियाँ भवन आदिके लिए स्थान
का चयन करना उद्यान विकास के लिए आवश्यक है। फलोद्यान लगाने के लिये उसकाव्यवसायिक
स्तर देखना एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। इसके बाद भूमि का प्रकार एवं जलावायु आते
है।इसके साथ साथ श्रमिकों की उलब्धता, जल की आवश्यक मात्रा में उपलब्धता फलों
का प्रकार,वातावरण
की स्वच्छता, आदि
को भी ध्यान में रखा जाता है। उद्यान का विन्यास के लिए सड़क एवंरास्ते, भवन सिंचाई पद्धति, जल निकास पद्धति, नर्सरी आदि के लिए जगह सुरक्षित रखना
आवश्यक है।अलन्कृत या शोभा उद्यान को वृक्ष, झाडि़या, लतायें तथा पुष्पों के द्वारा सजाया
जाता है। भारत मेंपुष्प अलंकरण आदि काल से होता रहा है। इसकी वैज्ञानिक प्रगति का
निर्धारण 18वीं-19 वींशताब्दियों से शुरू हुआ है। जिसमें दो तरह के शोभाकरी उद्यान
आतें है। (1) निजी एवं (2)सार्वजनिक उद्यान वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए
मानव ने गृह वाटिका लगाकर भूमि का अधिकतम उपयोग करने लगा है। गृह
वाटिकाओं में शाक वाटिका एवं मिश्रित वाटिका हो सकतीहै। गृह वाटिका में सब्जियां
एवं एक तथा द्विवार्षिक फलों को लगाया जाता है।
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हिंदी निबंध
बाग़ कैसे लगायें : Baag kaise lagaye : kheti kaise kare
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